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Wednesday, February 1, 2012

एमबीए= कामयाबी का ट्रंप कार्ड


मैनेजमेंट की डिग्रियां कामयाबी का पासपोर्ट बन गई हैं।इंजिनियरिंग और एमबीबीएस जैसी प्रफ़ेशनल डिग्रियांहासिल करने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग मैनेजमेंट कोर्सकरते हैं। असल में दूसरी प्रफ़ेशनल ट्रेनिंग के बावजूद टॉपमैनेजमेंट लेवल के पद पाने की चाहत रखने वाले युवाएमबीए करना चाहते हैं। एमबीए संबंधी तमाम पहलुओंपर रोशनी डाल रहे हैं अशोक सिंह 

मैनेजमेंट में हैं ढेर सारे स्पेशलाइज़ेशन 

एमबीए फाइनैंस ) : फाइनैंस को अपना करियर बनानेके इच्छुक युवाओं के लिए यह अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
एमबीए मार्केटिंग ) : बिज़नस को आगे बढ़ाने मेंमार्केटिंग एक्सपर्ट्स की अहम भूमिका को नजरअंदाज नहींकिया जा सकता। यही कारण है कि युवाओं की मैनेजमेंट स्पेशलाइज़ेशन की प्रायॉरिटी में यह शाखा काफी ऊपरहोती है।
एमबीए ह्यूमन रिसोर्सेस ) : काबिल लोगों की पहचान कर उनकी नियुक्तियां करने और सैलरी तय करने सेलेकर उनके स्किल्स को एप्टिट्यूड के अनुसार निखारने का काम इन एक्सपर्ट्स के जिम्मे होता है।
एमबीए ऑपरेशंस मैनेजमेंट ) : प्रॉडक्शंस और शॉप फ्लोर मैनेजमेंट में दिलचस्पी रखने वाले युवाओं केलिए यह आकर्षण का क्षेत्र हो सकता है।
एमबीए आईटी सिस्टम्स : इन्फ़र्मेशन टेक्नॉलजी का सही इस्तेमाल ही नहीं , इसका समुचित मैनेजमेंटभी जरूरी है। यही कारण है कि मैनेजमेंट इन्फ़र्मेशन सिस्टम्स ( एमआईएस ) तेजी से उभरता हुआ फील्ड कहाजा सकता है।
एमबीए लॉजिस्टिक्स ) : कच्चे माल और तैयार प्रॉडक्ट्स के ट्रांसपोर्टेशन का कम - से - कम लागत मेंमैनेजमेंट इन दिनों प्रॉडक्शन सिस्टम में काफी महत्वपूर्ण हो चला है।
एमबीए हॉस्पिटैलिटी एंड टूरिज़्म ) : टूरिज़्म और होटल बिजनेस के विकास के साथ ऐसे ट्रेंड मैनेजमेंटकर्मियों की मांग बढ़ रही है।
एमबीए कम्युनिकेशंस ) : टेक्नॉलजी का सही मैनेजमेंट न सिर्फ आज की , बल्कि आनेवाले समय की सबसेबड़ी जरूरतों में से है।
एमबीए एंटरप्रिन्योरशिप ) : अपना कारोबार और फैमिली बिज़नस को करियर विकल्प चुनने के इच्छुकयुवाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इस खास तरह की ट्रेनिंग की शुरुआत की गई है।
एमबीए ई बिज़नस ) : इंटरनेट की सहायता से ई - कॉमर्स पर आधारित कारोबार देश में धीरे - धीरेजोर पकड़ रहा है। आने वाले समय में इस तरह के एक्सपर्ट्स की मांग ट्रेडिंग और कारोबार में बढ़ने की पूरीउम्मीद है।
एमबीए एजुकेशन ) : एजुकेशन के तेजी से हो रहे कमर्शलाइजेशन की वजह से अब टीचर्स के अलावा इसफील्ड के मैनेजर्स की जरूरत भी बढ़ रही है।
एमबीए कंसल्टेंसी ) : किसी भी तरह के प्रफ़ेशनल एक्सपीरियंस के आधार पर कंसल्टेंसी को करियर बनानेवाले युवाओं के लिए यह ट्रेनिंग प्रोग्राम काफी अहम कहा जा सकता है।
एमबीए मीडिया : टीवी चैनल्स की बढ़ती संख्या के अलावा विज्ञापन और फिल्म जगत में भी इस प्रकारके ट्रेंड प्रफेशनल्स की उपयोगिता बढ़ती जा रही है।
एमबीए हॉस्पिटल मैनजमेंट ) : हॉस्पिटल्स के पूरे मैनेजमेंट के लिए माहिर और ट्रेंड लोगों की मांग मेंहाल के समय में तेजी आई है।
एमबीए फार्मा ) : फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के अनुसार ट्रेनिंग पाकर इस इंडस्ट्री के मैनेजमेंट और मार्केटिंग मेंअच्छा भविष्य हो सकता है।
एमबीए हिंदी मीडियम ) : महात्मा गांधी हिंदी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय , वर्धा में हिंदी माध्यम से भीएमबीए की पढ़ाई कराई जाती है।
एमबीए ऐग्रीकल्चर मैनेजमेंट : व्यावसायिक खेती के बढ़ते प्रचलन से ऐसे ट्रेंड मैनेजर्स के लिए जॉब्सहासिल करना कोई मुश्किल नहीं होगा।
एमबीए क्वॉलिटी मैनेजमेंट ) : किसी भी प्रॉडक्ट की मार्केट में साख बनाने में उसकी क्वॉलिटी की अहमभूमिका होती है। ऐसे में क्वॉलिटी मैनेजर्स की डिमांड सभी इंडस्ट्री में हाल के समय में तेजी से बढ़ रही है।
एमबीए इंटरनैशनल बिज़नस ) : एक्सपोर्ट - इम्पोर्ट के काम में माहिर लोगों की उपलब्धता तय करने केलिए इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम्स काफी अहम हो गए हैं।
एमबीए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ) : सैकड़ों करोड़ की लागत के बड़े कल - कारखानों को स्थापित करने औरउनको ऑपरेशनल बनाने के काम का मैनेजमेंट इस तरह के ट्रेंड और अनुभवी लोगों पर होता है।
एमबीए एयरपोर्ट मैनेजमेंट ) : देश में इंटरनैशनल फ्लाइट्स की संख्या बढ़ने और हवाई सफर करने वालेलोगों की बढ़ोतरी के कारण न सिर्फ एयरपोटर्स की संख्या बढ़ रही है , बल्कि इनके मैनेजमेंट में सक्षम लोगों कीमांग भी बढ़ रही है।
एमबीए कार्गो मैनेजमेंट ) : एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट होने वाला ज्यादातर माल समुदी जहाजों द्वारा एक देशसे दूसरे देश भेजा जाता है। मुनाफे को ध्यान में रखते हुए इस तरह की कार्गो सेवाओं का मैनेजमेंट करने के लिएट्रेंड कर्मियों की कमी अब महसूस की जाने लगी है।
एमबीए पोर्ट मैनेजमेंट ) : एयरपोर्ट की तरह सी - पोर्ट्स पर माल और यात्री जहाजों की आवाजाही कोसुचारु रूप से बनाए रखने के लिए मैनेजरों की नियुक्तियां जरूरी हो गई हैं।
एमबीए पावर मैनेजमेंट ) : बिजली के प्रॉडक्शन से लेकर डिस्ट्रिब्यूशन तक के मैनेजमेंट का जिम्मा ट्रेंडमैनेजर्स ही संभालते हैं।
एमबीए रीयल एस्टेट मैनेजमेंट ) : रीयल एस्टेट मैनेजमेंट में ट्रेंड लोगों की मांग बढ़नी शुरू हो चुकी है।नामी बिल्डर्स और रीयल एस्टेट कंपनियों में इनकी नियुक्तियां आकर्षक सैलरी पर की जाती हैं।
एमबीए इवेंट मैनेजमेंट ) : हाल के समय में मैनेजमेंट की विधाओं में यह नाम काफी सुर्खियों में कहा जासकता है। ऐसे ट्रेंड युवाओं की मांग भी समय के साथ बढ़ी है।

नोट इनमें से काफी कोर्स फिलहाल सिर्र्फ प्राइवेट संस्थानों में ही उपलब्ध हैं। इसके अलावाजरूरी नहीं कि सारे कोर्स एमबीए के रूप में संचालित हों। कई कोर्स पीजीडीएम के तौर पर भी होसकते हैं। 
दुनिया के टॉप बिज़नस स्कूल
रैंक(2012) इंस्टिट्यूट
देश
सैलरी(रुपए सालना)
1
स्टैनफर्ड ग्रैजुएट स्कूल ऑफ बिज़नस
अमेरिका
93.42 लाख
2
हॉर्वर्ड बिज़नस स्कूल
अमेरिका
86.70 लाख
3
यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनियाः वार्टन
अमेरिका
85.95 लाख
4
लंदन बिज़नस स्कूल
ब्रिटेन
75.46 लाख
5
कोलंबिया बिज़नस स्कूल
अमेरिका
83.68 लाख
6
इनसीड
फ्रांस, सिंगापुर
70.40 लाख
7
एमआईटीःस्लोन
अमेरिका
77.06 लाख
8
आईई बिज़नस स्कूल
स्पेन
74.11 लाख
9
ईस बिज़नस स्कूल
स्पेन
65.91 लाख
10
हॉन्ग-कॉन्ग यूएसटी बिज़नस स्कूल
चीन
62.14 लाख
11
आईआईएम, अहमदाबाद
भारत
85.26 लाख
20
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ बिज़नस, हैदराबाद
भारत
62.72 लाख
(रैंकिंग के लिए 20 पैरामीटर तय किए गए थे।) सोर्सःफाइनैंशल टाइम्स, लंदन


मैनेजमेंट के प्रमुख कोर्स 
एमबीए मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन ) : यह दो साल का फुलटाइम कोर्स होता है और इसमेंएडमिशन एंट्रेंस के आधार पर होता है। यह डिग्री कोर्स कोई यूनिवर्सिटी ही संचालित कर सकती है।

पीजीडीएम पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा इन मैनेजमेंट ) : दो साल का डिप्लोमा यह कोर्स प्राइवेट मैनेजमेंटसंस्थानों के अलावा आईआईएम सरीखे सरकारी संस्थानों में उपलब्ध है। दाखिले एंट्रेंस एग्ज़ाम के आधार परदिए जाते हैं।

पार्ट टाइम एमबीए तीन साल के इस कोर्स का आयोजन कामकाजी लोगों के लिए शाम के वक्त या वीकेंड परकिया जाता है। एंट्रेंस एग्ज़ाम और अनुभव के आधार पर इनमें एडमिशन होता है। दिल्ली यूनिवर्सिटी भी यहकोर्स कराती है।

एग्ज़ेक्युटिव एमबीए ऐसे कोर्स मैनेजर्स और एग्ज़ेक्युटिव्स की जरूरतों के मुताबिक बनाए जाते हैं। ये दोसाल या इससे कम वक्त के भी हो सकते हैं। आमतौर पर इनमें कंपनियों द्वारा स्पॉन्सर्ड लोगों को ही एडमिशनदिया जाता है।

ड्यूल डिग्री एमबीए इस प्रोग्राम के तहत स्टूडेंट्स दो कोर्स ( जैसे एमबीए और एमए ) एक साथ कर सकतेहैं।

इंटिग्रेटेड एमबीए : बीबीए के साथ एमबीए की डिग्री करने की सुविधा इस कोर्स में है। इसकी अवधि पांचसाल होती है। 12 वीं पास युवा एंट्रेंस एग्ज़ाम के आधार पर इनमें दाखिला पा सकते हैं।

डिप्लोमा इन मैनेजमेंट सर्टिफिकेट इन मैनेजमेंट ये कोर्स सरकारी और निजी संस्थानों में उपलब्ध हैं।इनमें आमतौर पर काम का अनुभव रखने वाले लोगों को एडमिशन दिया जाता है।

बीबीएम बीबीए बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज / बैचलर ऑफ बिजनेस स्टडीज / बैचलर ऑफ फाइनैंशलएंड इन्वेस्टर अनैलिसिस / बैचलर ऑफ मार्केटिंग मैनेजमेंट / बैचलर ऑफ बैंक मैनेजमेंट / बैचलर ऑफ फॉरेनट्रेड आदि अंडरग्रैजुएट लेवल के कोर्स हाल के बरसों में काफी लोकप्रिय हुए हैं। 12 वीं के बाद एंट्रेंस एग्ज़ाम केआधार पर इन कोर्सेज में एडमिशन दिए जाते हैं। ओपन यूनिवर्सिटी और पत्राचार के जरिए भी ये कोर्स मुमकिनहैं। कॉलेज ऑफ बिज़नस स्टडीज ( डीयू ), आईपी यूनिवर्सिटी ( दिल्ली ), पांडिचेरी यूनिवर्सिटी आदि में ये कोर्सउपलब्ध हैं।

ओपन यूनिवर्सिटी और कॉरस्पॉन्डेंस से एमबीए देश में काफी बड़ी संख्या में ऐसी यूनिवर्सिटीज हैं , जोएमबीए की डिग्री इस तरह की गैर - परंपरागत शिक्षा प्रणाली के जरिए प्रदान करती हैं। इनमें एंट्रेंस एग्ज़ामजैसा प्रविज़न नहीं होता। हां , काम के अनुभव जैसी शर्तें हो सकती हैं। यह डिग्री देनेवाले प्रमुख संस्थानों में इग्नू, पांडिचेरी यूनिवर्सिटी आदि का नाम लिया जा सकता है।

एडमिशन कैसे लें 

एमबीए और पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट के विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन पाने के लिए एंट्रेंसएग्ज़ाम देना होता है। जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रमुख एंट्रेंस एग्ज़ाम्स और उनके पैटर्न के बारे में 

कैट 
देश के टॉप मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट्स जैसे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ( आईआईएम ) द्वारा हर सालआयोजित किए जाने वाले एंट्रेंस टेस्ट को कॉमन एंट्रेंस टेस्ट ( कैट ) के नाम से जाना जाता है। बीते साल 6 नएआईआईएम बनने के बाद अब कुल 13 शहरों में आईआईएम की ब्रांच खुल चुकी हैं। आईआईएम की सीटों परकैट के जरिए लिखित परीक्षा , ग्रुप डिस्कशन और इंटरव्यू के बाद तैयार अंतिम मेरिट लिस्ट के आधार पर सफलयुवाओं को एडमिशन दिया जाता है। औसतन हर 200 कैंडिडेट्स में एक का ही चयन होता है। इस एग्ज़ाम केस्कोर के आधार पर देश के दूसरे मैनेजमेंट संस्थान भी एडमिशन देते हैं। 2009 से यह एगाम ऑनलाइन होनेलगा है। एग्ज़ाम में इंग्लिश , मैथ्स , लॉजिकल रीजनिंग संबंधी सवाल आते हैं। इस एग्ज़ाम को इस तरह तैयारकिया जाता है कि कैंडिडेट्स की वर्बल , मैथमैटिकल , डेटा इंटरप्रेटेशन और लॉजिकल स्किल्स की परख की जासके। महज ढाई घंटे के इस टेस्ट में कई खंड होते हैं। इसमें नेगेटिव मार्किंग भी होती है।
वेबसाइट : www.catiim.in 

मैट 
इस टेस्ट का आयोजन अखिल भारतीय स्तर पर ऑल इंडिया मैनेजमेंट असोसिएशन करती है। देश भर के बहुत- से मैनेजमेंट संस्थानों के पीजी डिप्लोमा और एमबीए कोर्सेज में इस एग्ज़ाम के स्कोर के आधार पर एडमिशनदिए जाते हैं। साल में चार बार यानी फरवरी , मई , सितंबर और दिसंबर में यह टेस्ट होता है। इसके स्कोर कीमान्यता एक साल तक रहती है। इस टेस्ट में लैंग्वेज कॉम्प्रिहेंशन , मैथमैटिकल स्किल्स , डेटा अनैलिसिस ,रीजनिंग और इंडियन एवं ग्लोबल इन्वाइरनमेंट पर आधारित सवाल होते हैं।
वेबसाइट : aaima-ind.org 

इग्नू ओपन मैट 
ओपन प्रणाली से संचालित इंदिरा गांधी नैशनल ओपन यूनिवर्सिटी के मैनेजमेंट कोर्सेज में एडमिशन के लिए इसएंट्रेंस एग्ज़ाम का आयोजन किया जाता है। तीन घंटे के इस टेस्ट में 200 सवाल होते हैं , जो इंग्लिश , जनरलअवेयरनेस , क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूड और रीजनिंग से संबंधित होते हैं।
वेबसाइट : www.ignou.ac.in 

आईआईएफटी 
दो साल के फॉरेन ट्रेड मैनेजमेंट आधारित कोर्स में दाखिले के लिए एंट्रेंस एग्ज़ाम का आयोजन इंडियन इंस्टिट्यूटऑफ फॉरन ट्रेड , नई दिल्ली द्वारा हर साल नैशनल लेवल पर किया जाता है। इसमें इंग्लिश कॉम्प्रिहेंशन ,जनरल नॉलेज एंड अवेयरनेस , लॉजिकल रीजनिंग और क्वांटिटेटिव एप्टिट्यूड पर आधारित मल्टिपल चॉइसऑब्जेक्टिव टाइप सवाल होते हैं। एग्ज़ाम में नेगेटिव मार्किंग भी होती है।
वेबसाइटः www.iift.ac.in 

एक्सएटी 
गोवा इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट , इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ फाइनैंस , एसपी जैन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंडरिसर्च आदि संस्थानों में मैनेजमेंट के कोर्सेज में इसी एंट्रेंस एग्ज़ाम के जरिए एडमिशन दिए जाते हैं। इस एगामके तीन हिस्से होते हैं , वर्बल एबिलिटी , क्वांटिटेटिव एबिलिटी , डेटा इंटरप्रिटेशन और लॉजिकल एबिलिटी।एग्ज़ाम दो घंटे का होता है और इसमें 20 नंबर का निबंध भी होता है। 
वेबसाइट : www.xlri.edu 

देश के कई राज्य भी विभिन्न मैनेजमेंट प्रोग्राम्स में एडमिशन के लिए हर साल एंट्रेंस एग्जाम कराते हैं। 

फीस और स्कॉलरशिप 
आमतौर पर 1.5 से 3 लाख रुपए सालाना तक की फीस इस तरह के कोर्सेज के लिए ली जाती है। हालांकि , टॉपप्राइवेट संस्थानों में यह फीस और ज्यादा भी हो सकती है। कई प्राइवेट भारतीय संस्थान तो 6 से 10 लाख रुपएतक सालाना वसूलते हैं। इसमें विदेशों में कुछ समय की इंटर्नशिप या ट्रेनिंग भी शामिल होती है। स्कॉलरशिप कीसंख्या बेहद सीमित होती है। सरकारी बैंकों से इस तरह के मान्य कोर्सेज के लिए रियायती दरों पर एजुकेशनललोन का प्रॉविजन है , जिसकी अदायगी कोर्स खत्म होने के बाद शुरू होती है। ओपन यूनिवर्सिटी या कॉरस्पॉन्डेंसके जरिए संचालित एमबीए / पीजीडीएम कोर्स महज 10 से 25 हजार रुपए में किया जा सकता है।

कहां से मान्यता संबंधित जानकारी हासिल करें 
एआईसीटीई की वेबसाइट पर ऐसे तमाम इंस्टिट्यूट्स की लिस्ट उपलब्ध कराई गई है , जो मान्यता प्राप्त हैं याजिनके मैनेजमेंट के कोर्स मान्य हैं। वेबसाइटः www.aicte-india.org

जरूरी हैं ये गुण 
स्वतंत्र रूप से सोचने और हालात के मुताबिक फौरन फैसले लेने की क्षमता
धीरज से काम करना
टीम लीडर के रूप में काम लेने की क्षमता और उपलब्धियों का क्रेडिट साथियों को भी देने की भावना
हर हाल में कामयाब होने की इच्छाशक्ति
बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स
अंग्रेजी भाषा पर पकड़

महत्वपूर्ण वेबसाइट्स 
जीमैट www.gmac.com
टोफेल www.ets.org/toefl/
जीआरई : www.ets.org/gre/
ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन 
:www.aicte-india.org
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट 
www.iimahd.ernet.in
www.iimk.ernet.in
www.iimb.ernet.in
www.iimi.ac.in
युनाइटेड स्टेट्स एजुकेशन फाउंडेशन इन इंडिया 
: www.usief.org.in
ऑस्ट्रेलियाई एम्बैसी 
:www.india.embassy.gov.au/ndii
ब्रिटिश हाई कमिशन 
:www.ukinindia.fco.gov.uk
कनाडा 
:www.dfait-maeci.gc.ca/new-delhi

मैनेजमेंट करियर में कामयाबी के कुछ गुण 
- पुराने और ख्यातिप्राप्त मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट को ही जॉइन करना चाहिए।
- अपने कॉलेज के सीनियर्स से अच्छे संबंधों का फायदा जरूर मिलता है।
- इंटर्नशिप से नहीं भागना चाहिए। अगर संस्थान किसी कारणवश यह सुविधा दिलाने में असमर्थ हो तोइंटर्नशिप के लिए खुद कोशिश करें। इंटर्नशिप अपनी रुचि या स्पेशलाइज़ेशन के फील्ड में ही करें।
- इंटर्नशिप को पिकनिक की तरह नहीं लेना चाहिए और जी तोड़ मेहनत कर अपनी काबिलियत से कंपनी केमैनेजमेंट को इंप्रेस करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। इससे कंपनी में नौकरी का ऑफर मिलने के चांस बनसकते हैं।
- इंस्टिट्यूट में बाहर से आने वाली गेस्ट फैकल्टी , खासतौर से कॉर्पोरेट जगत के अनुभवी एक्सपर्ट्स से संपर्कबनाए रखने का भविष्य में लाभ मिल
सकता है।
- अगर कैंपस प्लेसमेंट किसी कारणवश नहीं हो सके तो हिम्मत नहीं हारनी चाहिए और अपने बूते किसी भीछोटी - बड़ी कंपनी में जॉब ले लेने में ही भलाई है। कोर्स खत्म करने के बाद बेरोजगारी या गैप जैसी स्थिति सेआपको बाद में एंप्लॉयर के सामने मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
- याद रखें कि मैनेजमेंट की डिग्री सिर्फ स्टेपिंग स्टोन का ही काम करती हैं। बाद में काम में आपकी उपलब्धियांही सफलता की ऊंचाइयों पर ले जाती हैं।

विदेशों में मैनेजमेंट कोर्स 
यूरोप और अमेरिकी देशों में तमाम नामी यूनिवर्सिटी हैं , जहां से एमबीए कोर्स किया जा सकता है। इसके लिएग्रैजुएट मैनेजमेंट एप्टिट्यूड टेस्ट ( जीमैट )/ जीआरई में बेहतरीन स्कोर लाने के साथ - साथ टेस्ट ऑफ इंग्लिशऐज फॉरन लैंग्वेज ( टोफेल ) एगाम पास करना होता है। इससे स्कॉलरशिप पाने में आसानी हो जाती है , वरनाअपने खर्चे पर भी विदेशों से कोर्स किया जा सकता है लेकिन यह काफी महंगा पड़ता है। हर साल का खर्च करीब15 से 25 लाख रुपए तक हो सकता है। इसमें यह बात भी ध्यान में जरूर रखें कि सभी विदेशी यूनिवर्सिटीज कामहत्व एक जैसा नहीं होता।

ज्यादातर देशों में प्राइवेट यूनिवर्सिटीज का काफी बोलबाला है , इसलिए एडमिशन लेने से पहले संबंधित देशकी एंबेसी में नियुक्त एजुकेशन काउंसलर से जरूर कॉन्टैक्ट करें। इंटरनेट से भी काफी सूचनाएं मिल सकती हैं।पूरी जानकारी के बाद ही दाखिला लें। रोजगार के लिहाज से महत्वपूर्ण एमबीए कोर्स संचालित करने वाले प्रमुखदेशों में अमेरिका , ब्रिटेन , जापान , कनाडा , ऑस्ट्रेलिया , जर्मनी , सिंगापुर आदि का खासतौर पर जिक्र कियाजा सकता है।

लेखक सीनियर करियर कंसल्टेंट हैं। 

सवाल जवाब 
एमबीए और पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट में क्या फर्क है 
एमबीए का संचालन जहां यूनिवर्सिटी करती है , वहीं प्राइवेट और सरकारी संस्थान पीजी डिप्लोमा इनमैनेजमेंट का कोर्स चलाते हैं। मसलन , टॉप आईआईएम संस्थानों के कई मैनेजमेंट कोर्स भी पीजीडीएम ही हैंऔर इनकी रोजगार मार्केट में अहमियत किसी से छुपी नहीं है। एमबीए में दाखिला नहीं मिलने पर नामीइंस्टिट्यूट से पीजीडीएम करने में कोई बुराई नहीं है।

कॉरस्पॉन्डेंस या ओपन यूनिवर्सिटी से एमबीए करना सही है या नहीं 
अगर रेग्युलर कोर्स में एडमिशन नहीं मिल सके और आप अगले साल तक का इंतजार नहीं करना चाहते तोकॉरस्पॉन्डेंस या ओपन यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट की डिग्री लेने में कोई बुराई नहीं है। वैसे सच्चाई तो यही है किरेग्युलर एमबीए / पीजीडीएम करने से रोजगार पाने में यादा आसानी रहती है।

फॉरन यूनिवर्सिटी से एमबीए करने के बाद जॉब्स के किस तरह के चांस हैं 
नामी यूनिवर्सिटी की डिग्री के बल पर सफलता देश और विदेश में आपके कदम चूमेगी लेकिन एक कमरे मेंचलने वाली फर्जी टाइप की विदेशी या प्राइवेट यूनिवर्सिटी की डिग्री की रोजगार के लिहाज से कोई वैल्यू नहींहोगी।

क्या मैनेजमेंट कोटा से पीजी डिप्लोमा करने का कोई नुकसान है 
अगर खुद पर पूरा भरोसा नहीं है तो साल - दर - साल एंट्रेंस एगाम में शामिल होने और समय खराब करने कीबजाय किसी नामी संस्थान के मैनेजमेंट कोटा के जरिए एडमिशन लेना बेहतर होगा।

एमबीए के लिए साइंस या ह्यूमैनिटीज सब्जेक्ट्स का बैकग्राउंड कितना सही है 
एजुकेशनल बैकग्राउंड से कहीं ज्यादा जरूरी है आपका एप्टिट्यूड , फौरन फैसला लेने की क्षमता , ऐनालिटिकलपावर और लॉजिकल सोच।

इंस्टिट्यूट का चयन कैसे करें 
टॉप बिज़नस इंस्टिट्यूट्स में दाखिला न होने पर अक्सर पैरंट्स और युवाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या होतीहै कि सही संस्थान के बारे में फैसला कैसे करें। इस बारे में कोई पक्का फॉर्म्युला तो नहीं बताया जा सकता लेकिननीचे लिखी बातों का ध्यान दें तो सही दिशा में बढ़ने में मदद मिलेगी :

1. कॉलेज कितना पुराना है ?
2. उसका इन्फ्रास्ट्रक्चर कैसा है ?
2. क्या कोर्स और कॉलेज एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त हैं ?
3. कॉलेज में कौन - सी कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के लिए आती हैं ?
4. बीते बरसों का प्लेसमेंट रेकॉर्ड कैसा रहा है ?
5. संस्थान में पढ़ रहे स्टूडेंट्स का फैकल्टी और एजुकेशन के बारे में कैसा इम्प्रेशन है ?
6. कॉलेज की फीस और एक्स्ट्रा खर्चे कैसे हैं ?
7. हॉस्टल सुविधा और घर से दूरी कितनी है ?
खास एंट्रेंस टेस्ट की तारीखें
टेस्ट
आवेदन
एंट्रेंस एग्ज़ाम
कैट
सितंबर से अक्टूबर तक
नवंबर
मैट
साल में चार बार एग्ज़ाम


(1) जनवरी तक
फरवरी
(2) अफ्रैल तक
मई
(3) जुलाई तक
अगस्त
(4) नवंबर तक
दिसंबर
आईआईएफटी
अगस्त से सितंबर तक
नवंबर
इरमा
अगस्त से सितंबर तक
नवंबर
टिस
सितंबर से अक्टूबर तक
दिसंबर
एक्सएटी
सितंबर से अक्टूबर तक
जनवरी
महाराष्ट्र सीईटी
जनवरी तक
फरवरी
(एमबीए)


इंटरव्यू का विडियो 
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