अगर आपको है बीमा सम्बन्धी कोई शिकायत तो जरुर पढ़ें ये खबर
भोपाल. बीमा लेने वालों के हितों की रक्षा के लिए इंश्योरेंस रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण) या इरडा ने कई कदम उठाए हैं। बकायदा प्रचार अभियान चलाकर इनके बारे में बीमा धारकों को जागरूक किया जा रहा है।
लेकिन इसमें भी प्रमुख कदम है इंटीग्रेटेड ग्रीवियांस मैनेजमेंट सिस्टम (एकीकृत शिकायत प्रबंधन प्रणाली) या आईजीएमएस, जो बीमा ग्राहकों को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने का मंच देता है। यहां दर्ज शिकायतों पर क्या प्रगति हुई है, इसकी जानकारी भी ऑनलाइन की जा सकती है। इसके अतिरिक्त ग्रीवियांस सेल (शिकायत प्रकोष्ठ) और बीमा लोकपाल का गठन भी किया गया है।
आइए जानते हैं कि बीमा हितों से जुड़ी शिकायतों को कैसे ऑनलाइन दर्ज कराया जाता है। इसका इस्तेमाल करने से पहले कई जरूरी बातों को ध्यान रखना चाहिए। इनमें भी प्रमुख है कि सबसे पहले बीमा कवर देने वाली कंपनी में ही अपनी शिकायत दर्ज कराई जाए।
पहले बीमा कंपनी
लाइफ इंश्योरेंस से जुड़ी किसी शिकायत में पॉलिसी की शर्तो में बाद में फेरबदल, दावे का निस्तारण न करना आदि शामिल हैं। जनरल इंश्योरेंस में दावे का आंशिक भुगतान, देरी या मेडिकल इंश्योरेंस को रीन्यू न करना जैसी बातें आती हैं।
बीमा धारक को अगर शिकायत है, तो सबसे पहले उसे बीमा देने वाली कंपनी में अपनी बात रखनी होगी। कंपनी के ब्रांच ऑफिस समेत फोन, ई-मेल या वेबसाइट पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
ध्यान रखें
बीमा धारक से किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर कंपनी को तीन दिन में उसकी लिखित प्राप्ति की सूचना देनी होगी। साथ ही यह भी बताना होगा कि वह कितने दिन में शिकायत का समाधान करेगी। अगर कंपनी शिकायत खारिज करती है, तो उसे इसका लिखित कारण बताना होगा।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि बीमा से जुड़ी किसी शिकायत पर आगे बढ़ने से पहले आपको संबंधित कंपनी में अपनी बात रखनी होगी। अगर उसके फैसले से असंतुष्ट हैं तो कंपनी को सूचित करना होगा कि आप विनियामक संस्था की शरण लेने जा रहे हैं।
अगर उपभोक्ता ऐसा नहीं करता है, तो माना जाएगा कि उसे कंपनी के फैसले से कोई शिकायत नहीं है। यह जरूरी प्रावधान ध्यान में रखना ही होगा।
नियामक संस्था से मदद
कंपनी से असंतुष्ट होने पर उपभोक्ता www.igms.irda.gov.in पर शिकायत कराता है, जिसे संबंधित बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाता है। व्यक्तिगत दुर्घटना या स्वास्थ्य संबंधी 20 लाख रुपए तक के दावों को बीमा लोकपाल के सुपुर्द कर दिया जाता है।
शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराने के लिए आईजीएमएस की साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। एवज में एक टोकन नंबर मिलेगा, जो चल रही कार्यवाही पर निगाह रखने में मदद करेगा। दर्ज शिकायत को बीमा कंपनी समेत इरडा को भी भेजी जाती है।
ध्यान रखें: आईजीएमएस पर शिकायत दर्ज कराने से पहले उपभोक्ता को संबंधित कंपनी को सूचित करना होगा कि वह विनियामक प्राधिकरण की शरण लेने जा रहा है। इस सूचना के पंद्रह दिनों तक यदि कंपनी से कोई जवाब नहीं मिलता है, तो ही उपभोक्ता ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकेगा।
शिकायत प्रकोष्ठ
आईजीएमएस के अलावा इरडा ने शिकायत प्रकोष्ठ भी बनाए हैं। यहां आप 155255 फोन नंबर या complaints@irda.gov.in पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। प्रकोष्ठ संबंधित कंपनी को कोई आदेश नहीं देता, लेकिन कंपनी के समक्ष शिकायत उठा सकता है। यहां शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी थर्ड पार्टी यानी वकील या एजेंट की मदद नहीं लें, क्योंकि इनके जरिए दर्ज शिकायतों को कोई तरजीह नहीं दी जाती।
बीमा लोकपाल
शिकायत प्रकोष्ठ की तुलना में बीमा लोकपाल संबंधित बीमा कंपनी को आदेश जारी कर सकता है।
ध्यान रखें
शिकायत मिलने पर लोकपाल कार्यालय एक माह के भीतर अनुशंसा जारी करता है, जबकि आदेश के लिए तीन माह की सीमा निर्धारित है। लोकपाल चाहे तो उपभोक्ता को मुआवजा देने के आदेश भी दे सकता है।
No comments:
Post a Comment