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Thursday, December 1, 2011

माइक्रोबायॉलजी: द मैक्रो ऑप्शन

बीएससी माइक्रोबायॉलजी में ऐडमिशन लेने के लिए साइंस स्ट्रीम में बायॉलजी विषय के साथ 12वीं कम से कम 50 प्रतिशत अंकों से पास होना चाहिए। इस विषय का चयन तभी करें , जब आपकी रुचि बायॉलजी में हो।

अगर आप साइंस की दुनिया में कुछ करना चाहते हैं , एक मकाम हासिल करना चाहते हैं तो माइक्रोबायॉलजी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि माइक्रोबायोलॉजिस्ट की डिमांड काफी बढ़ गई है। बायॉलजी और केमिस्ट्री के मेल से बनी यह शाखा आज स्टूडेंट्स के बीच काफी लोकप्रिय है। यह फील्ड मुख्य रूप से रिसर्च से जुड़ा हुआ है। तेजी से बढ़ते वैज्ञानिक युग में इस तरह के कोर्स की काफी डिमांड हो गई है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट का काम सूक्ष्म जीवाणुओं पर रिसर्च करना होता है। इन जीवाणुओं को हम केवल माइक्रोस्कोप के जरिए ही देख सकते हैं।

कौन कौन से कोर्स
माइक्रोबायॉलजी से संबधित विभिन्न पाठ्यक्रम विभिन्न संस्थानों और यूनिवर्सिटिज में चलाए जा रहे हैं। इनमें बीएससी व बीएससी ऑनर्स माइक्रोबायॉलजी , बीएससी इंडस्ट्रियल व बीएससी ऑनर्स इंडस्ट्रियल माइक्रोबायॉलजी , बीएससी मेडिकल माइक्रोबायॉलजी , एमएससी व एमएससी ऑनर्स माइक्रोबायॉलजी ,एमएससी मेडिकल माइक्रोबायॉलजी प्रमुख है। आप चाहें , तो माइक्रोबायॉलजी के क्षेत्र में माइक्रोबायल फिजियोलॉजी , माइक्रोबायल जेनेटिक्स , मेडिकल माइक्रोबायॉलजी , वेटनरी माइक्रोबायॉलजी ,इन्वाइरनमेंटल माइक्रोबायॉलजी , इवॉल्यूशनरी माइक्रोबायॉलजी , इंडस्ट्रियल माइक्रोबायॉलजी , फूड माइक्रोबायॉलजी , फार्मास्यूटिकल माइक्रोबायॉलजी , ऐरो माइक्रोबायॉलजी और ऑरल माइक्रोबायॉलजी आदि कोसेर्ज में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं।

कैसे मिलती है एंट्री ?
बीएससी इन माइक्रोबायॉलजी में ऐडमिशन लेने के लिए साइंस स्ट्रीम में बायॉलजी विषय के साथ 12वीं कम से कम 50 प्रतिशत अंकों से पास होना चाहिए। इस विषय का चयन तभी करें , जब आपकी रुचि बायॉलजी में हो। एमएससी में ऐडमिशन के लिए बायॉलजी विषयों के साथ ग्रैजुएट होना चाहिए।

क्या करते हैं माइक्रोबायोलॉजिस्ट ?
इसमें ऐसे सूक्ष्म जीवों का अध्ययन किया जाता है , जिन्हें बगैर सूक्ष्मदर्शी (माइक्रोस्कोप) के देखना संभव नहीं है। मनुष्यों और पशुओं में होने वाली बीमारियों में इन सूक्ष्म जीवों की भूमिका अहम हैं और इनके उपचार में भी। सूक्ष्म जीवों की मदद से ही दवाओं का निर्माण किया जाता है। सूक्ष्म जीव कई प्रकार के हो सकते हैं , जैसे कृषि के सूक्ष्म जीव , जीवों में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव , इंडिस्ट्रयल सूक्ष्म जीव आदि। ये सूक्ष्म जीव लाभदायक और हानिकारक दोनों हो सकते हैं। इसके अंतर्गत फिजियोलॉजी ऑफ माइक्रोब्स , माइक्रोब्स की जैविक संरचना ,एग्रीकल्चर माइक्रोबायॉलजी , फूड माइक्रोबायॉलजी , बायो फर्टिलाइजर में माइक्रोब्स , कीटनाशक , पर्यावरण, मानवीय बीमारियों आदि में सूक्ष्म जीवों का अध्ययन किया जाता है। पर्यावरण में हम जो कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं , उससे उत्पन्न प्रदूषण को ये सूक्ष्मजीव ही नियंत्रित करते हैं। इसके अलावा दवाओं का निर्माण, कीटनाशकों का निर्माण , विभिन्न खाद्य उत्पादों आदि में सूक्ष्म जीवों की उपयोगिता का अध्ययन भी इसमें किया जाता है।

कहां-कहां इस्तेमाल
माइक्रोबायॉलजी का इस्तेमाल पर्यावरण को संतुलित करने में भी किया जाता है। इसके अलावा , खाद्य संरक्षण ,दवाओं के उद्योग विशेषकर ऐंटिबायॉटिक , फैक्ट्रियों , मेडिकल क्षेत्र , कृषि उत्पादन , पेय पदार्थों के निर्माण ,रसायन फैक्ट्रियों , सुगंध बनाने आदि में इसका काफी उपयोग है।

कहां हैं संजावनाएं
माइक्रोबायोलॉजिस्ट के रूप में आप किसी साइंटिस्ट के साथ रिसर्च कर सकते हैं। इसके अलावा , हॉस्पिटल ,लैबरटरी , क्लीनिक , यूनिवर्सिटी , निजी या सरकारी क्षेत्र , डेयरी प्रॉडक्ट्स , टीचिंग , बियर मेकिंग आदि क्षेत्रों से जुड़ सकते हैं। इस क्षेत्र में आप दवा कंपनियों , लेदर एवं पेपर उद्योग , फूड प्रोसेसिंग , बायोटेक और बायोप्रोसेस संबंधी उद्योग , प्रयोगशालाओं एवं अस्पतालों , जन स्वास्थ्य के कामों में लगे गैर सरकारी संगठनों में भी जा सकते हैं। इसके अलावा , विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षण कार्य भी कर सकते हैं। बायोटेक एवं बायोप्रोसेस संबंधी उद्योग के अलावा विभिन्न मेडिकल कॉलेज में भी अच्छे अवसर हैं।

सैलरी पैकेज
माइक्रोबायोलॉजिस्ट अपनी योग्यता के अनुसार पैसा कमा सकता है। कम से कम 12-15 हजार रुपये से लेकर अनुभव होने पर लाखों रुपये तक हर महीने आमदनी हो सकती है। विदेशों में भी माइक्रोबायोलॉजिस्ट की काफी डिमांड है। विदेश में नौकरी का अवसर मिलने पर आप काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।
अरविंद कुमार

इंस्टीट्यूट वॉच
- दिल्ली यूनिवसिर्टी , नई दिल्ली
- डॉ. भीमराव आंबेडकर यूनिवसिर्टी , आगरा
- चौधरी चरण सिंह यूनिवसिर्टी , मेरठ
- पुणे यूनिवसिर्टी ,, पुणे
- हिमाचल प्रदेश यूनिवसिर्टी , शिमला
- पंजाब यूनिवसिर्टी ,, चंडीगढ़
- पटना यूनिवसिर्टी , पटना
- भोपाल यूनिवसिर्टी , भोपाल
- मगध यूनिवसिर्टी , बोधगया
- रानी दुर्गावती यूनिवसिर्टी , जबलपुर
- जीवाजी यूनिवसिर्टी , ग्वालियर
- पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवसिर्टी , रायपुर
- गोवा यूनिवसिर्टी , गोवा
- कर्नाटक यूनिवसिर्टी , धाड़वाड़
- महात्मा गांधी यूनिवसिर्टी , कोट्टायम
- उस्मानिया यूनिवसिर्टी , हैदराबाद
- मुंबई यूनिवसिर्टी , मुंबई

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