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Friday, August 24, 2012

रेल यात्रियों को मिला पावर, कहीं हो न जाए धोखा उससे पहले करें ऐसा

 रेल प्रशासन ने दलालों के कारनामों से तंग आकर अब मुसाफिरों को भी ये अधिकार दे दिया है कि वे ई-टिकट की बुकिंग कराते समय शक होने पर रेलवे के अधिकृत एजेंटों से भी आई कार्ड मांग सकते हैं। यदि एजेंट अपनी पुख्ता पहचान साबित नहीं कर पाता है तो मुसाफिर इसकी सीधी शिकायत करेंगे। जिस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा यात्री इन एजेंटों की हकीकत वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.आईआरसीटीसी.को.इन पर भी देख सकते हैं। 

एसएमएस यानी टिकट- ई-टिकट पर सफर करने वाले मुसाफिरों को ये सुविधा भी दी गई है कि वो रेलवे के उस एसएमएस को भी टिकट के रूप में टीटीई को दिखा सकते हैं, जो उन्हें रेलवे द्वारा भेजा गया है। अब तक ई-टिकट का प्रिंट साथ मंे रखना अनिवार्य था। इस मैसेज में किराया एवं सेवा शुल्क की पूरी जानकारी होती है। 

क्या करें, क्या नहीं- रेलवे ने अपने मुसाफिरों से अपील की है कि वे मैसेज या ई-टिकट पर दर्ज राशि से ज्यादा का भुगतान न करें। यात्रियों को प्रिंट आउट लेते समय ख्याल रखना होगा कि उसमें एजेंट का नाम, पता और फोन नम्बर है या नहीं, यदि नहीं है कि वे एजेंट से इसका कारण पूछें। एजेंट से टिकट बुकिंग या निरस्तीकरण की रसीद लेने का ध्यान भी यात्रियों को रखना होगा। रेलवे ने मुसाफिरों से कहा है कि इन सबके बाद भी यदि किसी गड़बड़ी की आशंका हो तो वे दूरभाष 011-23745962 या 011-39340000 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

Source: http://www.bhaskar.com/article/MP-OTH-rail-passanger-got-power-3691478.html?HF-20=

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