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Saturday, November 8, 2014

एंड्राइड फ़ोन के इन्टरनेट को अपने कंप्यूटर पर कैसे प्रयोग करें?

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क्या आपके एंड्राइड मोबाइल फ़ोन पर इन्टरनेट चालू है और आप अपने कंप्यूटर को उस इन्टरनेट से जोड़ना चाहते है?

ये काम आप निम्न प्रकार से आसानी से कर सकते है:

१. अपने एंड्राइड मोबाइल फ़ोन की सेटिंग्स (Settings) में जाएँ, और 'More..' पर क्लिक करें 

२. फिर 'Tethering & Portable hotspot' पर क्लिक करें 

३. फिर 'Set up Wi-Fi hotspot' पर क्लिक करें

४. अगले स्क्रीन पर अपने नेटवर्क का नाम दें, यदि आप इस नेटवर्क पर पासवर्ड नहीं रखना चाहते तो 'Security' में 'None' चुन लें अन्यथा नेटवर्क से जुड़ने के लिए पासवर्ड सेट करें.

५. फिर 'Save' पर क्लिक कर लें

६. इसके बाद 'PortableWi-Fi hotspot' के सामने 'चेकबॉक्स' पर क्लिक करके उसे 'ऑन' करें

७. आपको स्क्रीन के ऊपर मेसेज आएगा कि 'Thethering hotspot active' यानि चालू हो गया है|

८.इसके बाद आप अपने कंप्यूटर में जाकर 'वाई-फाई' नेटवर्क  ऑन करें, आप पाएंगे कि एंड्राइड मोबाइल पर बनाया नेटवर्क कंप्यूटर में दिखा रहा है| 

९. इस नेटवर्क से अपने कंप्यूटर को जोड़ें, इसमें 'Connect' पर क्लिक करें, यदि आपने एंड्राइड में पासवर्ड सेट किया है तो वही पासवर्ड यहाँ भी डालें| 

१०. इससे आपका कंप्यूटर आपके मोबाइल पर चालू इन्टरनेट से जुड़ जायेगा|
Source: http://www.hindiinternet.com/2014/11/blog-post_0.html

Sunday, November 2, 2014

पथरी के दर्द को दूर करने में कारगर हैं ये 20 घरेलू नुस्खे

लाइफस्टाइल डेस्क: बीमारी नाम ही इतना खतरनाक है कि शरीर में लगते ही आपको परेशानी होना शुरू हो जाती है। यही कारण है हम आपको ज़्यादातर बीमारियों से दूर रहने के घरेलु उपचार बताते हैं। आज हम आपको पथरी से जुड़ी दिक्कतों और घरेलू समाधानों के बारे में बता रहे है। पथरी कई साइज़ की होती हैं। कभी-कभार पथरी का दर्द सहन के बाहर भी हो जाता है और यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। पथरी अनुवांशिक भी हो सकती है, इसलिए हम आपको पथरी के बचाव और दर्द को कम करने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे बता रहे हैं।

पथरी क्या होती है?

जब नमक और अन्य खनिज पदार्थ(ऐसे पदार्थ जो आदमी के मूत्र में मौजूद होते हैं) एक दूसरे के संपर्क में आते हैं, तो स्टोन बनना शुरू हो जाता है। कुछ स्टोन रेत के दानों की तरह बहुत छोटे आकार के होते हैं, तो कुछ बहुत ही बड़े। आमतौर पर छोटे-मोटे स्टोन्स मूत्र के ज़रिए शरीर से बाहर निकल जाते हैं, लेकिन जो आकार में बड़े होते हैं वे बाहर नहीं निकल पाते और ये बाद में पथरी का रूप ले लेते हैं।
1-अंगूर का सेवन करें

किडनी स्टोन से छुटकारा दिलाने में अंगूर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अंगूर प्राकृतिक मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है, क्योंकि इनमें पोटैशियम और पानी भरपूर मात्रा में होता है। अंगूर में अलबूमीन और सोडियम क्लोराइड बहुत ही कम मात्रा में होते हैं, जिनकी वजह से इन्हें किडनी स्टोन के उपचार के लिए अच्छा माना जाता है।

2-करेले के खाने से

करेला बुहत कड़वा होता है और आमतौर पर लोग इसे कम पसंद करते हैं, लेकिन किडनी स्टोन के मरीजों के लिए यह रामबाण की तरह है। करेले में मैग्नीशियम और फॉस्फोरस नामक तत्व होते हैं,जो पथरी को बनने से रोकते हैं। इसलिए किडनी स्टोन की समस्या पर होने करेले का सेवन करना चाहिए।
3-केला खाएं

स्टोन की समस्या से निपटने के लिए केले का सेवन करना चाहिए। इसमें विटामिन बी-6 होता है। विटामिन बी-6 ऑक्जेलेट क्रिस्टल को बनने से रोकता और तोड़ता है। इसके अलावा विटामिन बी-6,विटामिन बी के अन्य विटामिन के साथ सेवन करना किडनी स्टोन के इलाज में काफी मददगार होता है। एक शोध के मुताबिक विटामिन बी की 100 से 150 मिलीग्राम दैनिक खुराक किडनी स्टोन के उपचार में बहुत फायदेमंद है।

4-
नींबू का रस

जैतून के तेल के साथ नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से किडनी स्टोन में फायदा होता है। दर्द होने पर 60 मिली लीटर नींबू के रस में उतनी ही मात्रा में आर्गेनिक जैतून का तेल मिलाकर सेवन करने से इसके दर्द से भी आराम मिलता है। नींबू का रस और जैतून का तेल पूरे स्वास्थ्य के लिए अच्छा रहता है और यह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता हैं।
5-प्याज खाएं

प्याज में स्टोन नाशक तत्व होते है इसका प्रयोग कर आप किडनी स्टोन से निजात पा सकते है। लगभग 70 ग्राम प्याज को पीसकर और उसका रस निकाल कर पिए। सुबह खाली पेट प्याज के रस का नियमित सेवन करने से पथरी के छोटे-छोटे टुकड़ो में होकर निकल जाती है।

6- बथुए का साग

किडनी स्टोन को बाहर निकालने के लिए बथुए का साग बहुत ही कारगर माना जाता है। इसके लिए आप आधा किलो बथुए के साग को उबालकर छान लें। अब इसे पानी में जरा सी काली मिर्च,जीरा और हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर,दिन में चार बार पिए,किडनी स्टोन में फायदा होगा।
7-अजवाइन का सेवन

अजवाइन एक महान यूरीन ऐक्ट्यूऐटर है और किडनी के लिए टॉनिक के रूप में काम करता है। किडनी में स्टोन के गठन को रोकने के लिए अजवाइन का इस्तेमाल मसाले के रूप में या चाय में नियमित रूप से किया जा सकता है।

8-तुलसी का प्रयोग

तुलसी कई बीमारियों के लिए लाभदायक है। तुलसी की चाय पीने से किडनी स्टोन से निजात मिलता है। तुलसी का रस लेने से पथरी को बाथरुम के रास्ते निकलने में मदद मिलती है। कम से कम एक महीना तुलसी के पत्तों के रस के साथ शहद लेने से किडनी स्टोन की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। आप तुलसी के कुछ ताजे पत्ते रोजाना चबा भी सकते हैं,यह बहुत ही फायदेमंद है।

9-अनार का रस

अनार का रास किडनी स्टोन के खिलाफ बहुत ही असरदार और सरल घरेलू उपाय है। अनार के कई स्वास्थ्य लाभ के अलावा इसके बीज और रस में खट्टेपन और कसैले गुण के कारण इसे किडनी स्टोन के लिए प्राकृतिक उपाय के रूप में माना जाता है।
1- नारियल का पानी पीने से पथरी में फायदा होता है। पथरी होने पर नारियल का पानी पीना चाहिए।

2-15 दाने बडी इलायची के एक चम्मच,खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्म्च मिश्री,एक कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।

3-पका हुआ जामुन पथरी से निजात दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी होने पर पका हुआ जामुन खाना चाहिए।

4-आंवला भी पथरी में बहुत फायदा करता है। आंवला का चूर्ण मूली के साथ खाने से मूत्राशय की पथरी निकल जाती है।

5- जीरे और चीनी को समान मात्रा में पीसकर एक-एक चम्मच ठंडे पानी से रोज तीन बार लेने से लाभ होता है और पथरी निकल जाती है।
6-सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है। आम के पत्ते छांव में सुखाकर बुहत बारीक पीस लें और आठ ग्राम रोज पानी के साथ लीजिए,फायदा होगा।

7-मिश्री,सौंफ,सूखा धनिया लेकर 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर डेढ लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए। अगली शाम को इनको पानी से छानकर पीस लीजिए और पानी में मिलाकर एक घोल बना लीजिए,इस घोल को पीजिए। पथरी निकल जाएंगी।

8-चाय,कॉफी और कैफीन युक्त पेय पदार्थों का सेवन बिल्कुल मत कीजिए। पथरी होने पर कोल्ड ड्रिंक ज्यादा मात्रा में पीना सही रहता है।

9-तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फंसी पथरी निकल जाती है।

10- जीरे को मिश्री की चासनी या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है।

मुंह के छालों और दाद-खाज, खुजली को दूर करता है पीपल, जानें इसके 10 फायदे

लाइफस्टाइल डेस्क: वेदों पुराणों से लेकर धार्मिक आस्थाओं तक, पीपल के वृक्ष का अत्यंत महत्व है। आम तौर पर सड़कों के किनारे, उद्यानों और मंदिरों के आस-पास इस वृक्ष को अक्सर देखा जा सकता है। सुदूर आदिवासी अंचलों में भी पीपल का धार्मिक महत्व तो है ही किंतु आदिवासी इस पेड़ के विभिन्न अंगों को रोग निवारण के लिए विभिन्न प्रकार के नुस्खों में इस्तेमाल भी करते हैं। भगवान श्री कृष्ण ने गीता उपदेश में इस वृक्ष की महिमा का बखान करते हुए कहा है कि पीपल पेड़ों में उत्तम और दिव्य गुणों से सम्पन्न है और मैं स्वयं पीपल हूं। पीपल के औषधीय गुणों का बखान आयुर्वेद में भी देखा जा सकता है। आज हम आपको पीपल से जुड़े कुछ पारंपरिक नुस्खे बताने जा रहे हैं।
इसके सूखे फल मूत्र संबंधित रोगों के निवारण के लिए काफी कारगर माने जाते हैं। आदिवासी इसके सूखे फलों का चूर्ण तैयार कर प्रतिदिन एक चम्मच शक्कर या थोड़े से गुड़ के साथ मिलाकर रोगी को देते हैं। माना जाता है कि इससे पेशाब संबंधित समस्याओं, खासकर प्रोस्ट्रेट की समस्याओं में रोगी को बेहतर महसूस होता है।
पीपल के संदर्भ में रोचक जानकारियां और परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहें हैं डॉ दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा. लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 15 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों, जैसे पातालकोट (मध्य प्रदेश), डांग (गुजरात) और अरावली (राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को एकत्रित कर उन्हें आधुनिक विज्ञान की मदद से प्रमाणित करने का कार्य कर रहे हैं।
हर्बल औषधीय गुणों से भरपूर पीपल के बारे में जानने के लिए क्लिक कीजिए आगे की स्लाइड्स पर....
मुंह के छाले दूर करता है
मुंह में छाले हो जाने की दशा में यदि पीपल की छाल और पत्तियों के चूर्ण से कुल्ला किया जाए तो आराम मिलता है।
नपुंसकता दूर करता है
पीपल के फल, छाल, जडों और नई कलियों को एकत्र कर दूध में पकाया जाता है और फिर इसमें घी, शक्कर और शहद मिलाया जाता है, आदिवासियों के अनुसार यह मिश्रण नपुंसकता दूर करता है।
प्रेग्नेंट होने में  मदद करता है
पातालकोट जैसे आदिवासी बाहुल्य भागों में जिन महिलाओं को संतान प्राप्ति नहीं हो रही हो, उन्हें पीपल वृक्ष पर लगे वान्दा (रसना) पौधे को दूध में उबालकर दिया जाता है। इनका मानना है कि यह दूध गर्भाशय की गरमी को दूर करता है जिससे महिला के गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।
गुजरात में भी आदिवासी इलाकों में इसकी कोमल जडों को उस महिला को दिया जाता है जो संतान प्राप्ति चाहती हैं, माना जाता है कि इन जडों के सेवन से महिला के गर्भधारण की गुंजाइश ज़्यादा हो जाती है, हालांकि इस तथ्य को लेकर किसी तरह के क्लीनिकल प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं।
दाद-खाज को दूर करता है
पीपल की एक विशेषता है कि यह चर्म-विकारों जैसे-कुष्ठरोग, फोड़े-फुन्सी, दाद-खाज और खुजली को खत्म करने में मदद करता है। डांगी आदिवासी पीपल की छाल घिसकर चर्म रोगों पर लगाने की राय देते हैं।
कुष्ठ रोग में पीपल के पत्तों को कुचलकर रोगग्रस्त स्थान पर लगाया जाता है तथा पत्तों का रस तैयार कर पिलाया जाता है।
दमा के रोगियों के लिए उपयोगी
आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार, यदि पीपल की पत्तियों के रस को दमा के रोगी को दिया जाए तो बहुत फायदा मिलता है।
मसूड़ों की समस्या दूर होती है
इसकी पत्तियों या छाल को कच्चा चबाने और चबाकर थूक देने से मसूड़ों से खून निकलने की समस्या में आराम मिलता है,आदिवासी मानते हैं कि इससे मुंह से दुर्गंध भी दूर होती है और यह जीभ का कट फट जाना भी ठीक कर देता है।
थकान मिटाने के लिए

पीपल के पेड़ से निकलने वाली गोंद को सेहत के लिए उत्तम माना जाता है, मिश्री या शक्कर के साथ करीब 1 ग्राम गोंद लेने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और यह थकान मिटाने के लिए कारगर नुस्खा माना जाता है।

10 FOODS जो साइनस से दिलाएं आपको आराम

लाइफस्टाइल डेस्क: सांस लेने में दिक्कत, घबराहट, सिर में दर्द, मुंह का स्वाद जाना आदि तकलीफें साइनस में पीड़ित व्यक्ति अच्छी तरह समझ सकता है। साइनस का इलाज दवाओं के साथ योगा आदि से कारगर है, लेकिन एक अच्छी डाइट भी आपकी इस परेशानी से राहत दिला सकती है। आज हम आपको ऐसे ही फूड्स के बारे में बता रहे हैं। जिन्हें अपनी डाइट में शामिल कर आप साइनस से आराम पा सकते हैं। 

1.
स्पाइसी खाएं

स्पाइसी फूड जैसे काली मिर्च, हरी मिर्च, लाल मिर्च आदि अपने फूड में ज्यादा खाने से यह कफ निकालने में मददगार होती हैं। कफ निकलने से साइनस में आराम मिलेगा। क्योंकि इससे आप आराम में सांस ले पाएंगे। लेकिन जिन लोगों को एसिड रिफ्लक्स (छाती में दर्द और दिल में दर्द होना) हो, वो इस चीज़ से बचें।

2. पाइनएप्पल

पाइनएप्पल में ब्रोमलेन होता है जो साइनस में होने वाली इन्फेक्शन को दूर करता है। इसीलिए इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

3. लहसुन

लहसुन में एलिसिन नाम का एन्ज़ाइम होता है, जो साइनस को बढ़ाने वाले बैक्टिरिया और वाइरस को खत्म करता है। इसीलिए इसे अपनी डाइट में शामिल करें। इसके साथ ही एक लहसुन और एक प्याज को एक साथ पानी में उबाल कर भाप लें, इससे साइनस के सिरदर्द में लाभ होता है। या फिर रोज कच्चे लहसुन की एक कली खाने से भी साइनस इंफेक्शन से राहत मिलती है।

4. जिंक 

रेड मीट, चिकन, सी फूड, अंडा, तिल, मूंगफली, मशरूम, राजमा, ब्राउन राइस, पालक, डार्क चॉकलेट आदि जिंक से भरपूर फूड अपनी डाइट में शामिल करें। क्योंकि हमारे शरीर के लगभग 300 एन्जाइम्स जिंक पर आधारित हैं, जिसका मतलब एक अच्छा स्वास्थ्य जिंक पर बहुत निर्भर करता है। 
5. चाय

गरम चाय म्यूकस (कफ) को बाहर निकालने में मदद करती है। कफ शरीर में कम होगा तो साइनस में कम दिक्कत होगी। इसीलिए साइनस से पीड़ितों लोगों को सुबह शाम चाय पीनी चाहिए, जिससे कफ कम हो और सांस आराम से ले सकें। 

6. सूप

साइनस में गरम लिक्विड चीज़ें जैसे सूप आदि बहुत फायदेमंद होते हैं। सूप गले और नाक को आराम पहुंचाता है, जिससे ज्यादा मात्रा में कफ बाहर निकलता है। इसीलिए साइनस से पीड़ितो लोगों को सूप पीना चाहिए। 
7. नारियल पानी

साइनस की दिक्कत से छुटकारा पाने के लिए नारियल पानी बहुत इफेक्टिव होता है। इस पानी में पाया जाने वाला पोटैशियम बॉडी को क्लीन करने के साथ-साथ साइनस की वजह से होने वाली गले की दिक्कत में भी आराम दिलाता है। 

8. चिकन सूप

चिकन सूप में जिंक होने के साथ-साथ सिस्टीन नाम का एमिनो एसिड भी होता है। यह एसिड रनी नोज़ (बहती नाक) का कारण होती है। इसीलिए साइनस में अगर कफ की वजह से आपकी नाक ब्लॉक हो गई हो तो चिकन सूप पीएं। इससे आपकी नाक बहने लगेगी और साइनस में आराम दिलाएगी।
9. हरी पत्तेदार सब्ज़ियां

हरी सब्ज़ियां, टमाटर, संतरे और पीले फ्रूट्स आदि में विटामिन ए होता है। विटामिन ए हेल्दी म्यूकस को बनाता है और बेकार म्यूकस को बाहर निकालता है। यह साइनस पीड़ितों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। 

10. विटामिन ई


अपनी डाइट में विटामिन ई से भरपूर फूड शामिल करें। जैसे साबुत अनाज, बादाम, काजू, अंडे, पिस्ता और अखरोट, सूरजमुखी के बीज, हरी पत्तेदार सब्जियां, शकरकंद, सरसों, शलजम, एवोकेडो, ब्रोकली, कड लीवर ऑयल, आम, पपीता, कद्दू, पॉपकार्न।

कहां जाएं, जब साइबर क्राइम सताए

बालेन्दु शर्मा दाधीच
इंटरनेट का इस्तेमाल
 करने वालों को अब साइबर क्राइम की समस्या का अंदाजा तो होने लगा है। हर दिन ईमेल, फेसबुक अकाउंट, कंप्यूटर, क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग अकाउंट से जुड़ी साइबर क्राइम की सैकड़ों खबरें आती हैं। हम आपको बता रहे हैं कि साइबर क्राइम होने पर तुरंत कौन-कौन से जरूरी और एहतियाती कदम उठाने चाहिए...

आज के जमाने में एक अलर्ट कंप्यूटर यूजर को साइबर क्राइम का शिकार होने की स्थिति में अपने अधिकारों, उठाए जाने वाले कदमों और गलत तत्वों को सबक सिखाने का रास्ता मालूम होना चाहिए। कौन जाने, मुस्तैदी से उठाया गया एक कदम आपके नुकसान की भरपाई कर दे और शरारती तत्वों में डर पैदा कर दे, जिससे कि वह दोबारा किसी के साथ ऐसी हरकत न कर सके।

अगर आप ऐसे किसी अपराध के शिकार होते हैं, तो आपको चार स्तरों पर काम करने की जरूरत है। याद रखें, हर कदम पर मिलने वाले डॉक्युमेंट, मेसेज और दूसरी जानकारियों को सहेजना न भूलें। कानूनी लड़ाई लड़ने में वह आपके बहुत काम आएगी।

पहला कदम: ज्यादा नुकसान से बचें

जैसे ही साइबर क्राइम का पता चले, उसे सीमित करने के कदम उठाएं। आपके क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग खाते से पैसे निकाल लिए जाने पर पहली फिक्र यह करनी चाहिए कि उससे और पैसे न निकल जाएं। तुरंत बैंक से संपर्क करना और क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करवाना जरूरी है। यदि ईमेल या सोशल नेटवर्किंग अकाउंट हैक होता है, तो रिलेटेड वेबसाइट पर जाकर रिकवरी प्रक्रिया शुरू करनी होगी। लॉग-इन स्क्रीन पर जाकर देखें कि क्या कहीं पासवर्ड भूलने या अकाउंट रिकवर करने का लिंक दिखाई देता है? अगर वेबसाइट हैक की गई है, तो पहले अपने जरूरी डेटा को सहेजने में जुटें, ताकि और नुकसान होने से बचें। अपराध कब हुआ, उसकी तारीख और वक्त जरूर नोट कर लें।

दूसरा कदम: सबूत जुटाएं
जरूरी सबूत इकट्ठे करें, जिनका इस्तेमाल आप आगे की कार्रवाई में करेंगे। आपके फेसबुक अकाउंट पर अश्लील टिप्पणी की गई है या कोई अश्लील ईमेल भेजा गया है, तो उसे अपने पास सेव करना जरूरी है, क्योंकि फेसबुक वॉल पर की गई टिप्पणी को अपराधी हटा भी सकता है।

अपने फेसबुक पेज का स्क्रीनशॉट लेने की कोशिश करें। इसके लिए विंडोज 7 में मौजूद Snipping Tool का इस्तेमाल करें या फिर Control + Print Screen बटन को दबाकर Paint सॉफ्टवेयर में नई फाइल बनाकर माउस पर राइट क्लिक कर Paste दबाएं। अब फाइल को सेव कर लें। ईमेल अकाउंट को किस आईपी अड्रेस से हैक किया गया था, उसका ब्योरा भी तीनों प्रमुख ईमेल सर्विस प्रवाइडर - गूगल, याहू और आउटलुक (लाइव-हॉटमेल) में मौजूद रहता है।

मिसाल के तौर पर गूगल मेल अकाउंट में सबसे नीचे दाईं तरफ Last Account Activity लिखा मिलेगा। वहां दिए Detail लिंक को क्लिक करने पर यह जानकारी उपलब्ध होगी। यदि वेबसाइट हैक हुई है, तो उसकी मौजूदा स्थिति का स्क्रीनशॉट लेकर फाइल बना कर सेव कर लें। जहां तक क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग अकाउंट के दुरुपयोग का सवाल है, तो यदि आपके पास उससे किए गए खर्च के बारे में कोई एसएमएस या ईमेल मेसेज आया हो, तो उसे सहेजकर रख लें। इसी तरह अपने नेटबैंकिंग खाते में हुए ट्रांजैक्शन का स्क्रीन शॉट ले लें।

तीसरा कदम : सर्विस प्रवाइड से बात
अब तक आपने जो भी कदम उठाए हैं, वे अपने स्तर पर ही उठाए हैं। अब कार्रवाई के लिए आगे कदम उठाने की बारी है। रिलेटेड सर्विस प्रवाइडर (ईमेल वेबसाइट, क्रेडिट कार्ड कंपनी, बैंक, सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट से कॉन्टैक्ट कर औपचारिक शिकायत करें। इसके लिए भेजे जाने और पाने वाले सभी मेसेज/ईमेल का रेकॉर्ड जरूर रखें।

यदि नेटबैंकिंग या क्रेडिट कार्ड का दुरुपयोग हुआ है, तो जरूरी नहीं कि चूक आपसे ही हुई हो। यह बैंक से भी हुई हो सकती है। बैंकों से लोगों का डेटा चुरा लिए जाने या हैक कर लिए जाने की खबरें काफी आती हैं। हो सकता है कि किसी साइबर अपराधी ने किसी बैंक कर्मचारी के जरिए या बैंक के सर्वर या वेबसाइट को हैक करके आपके अकाउंट का ब्योरा हासिल किया हो। ऐसे में आपको हुए नुकसान की जिम्मेदारी बैंक पर भी आती है। कई बार बैंक ऐसे मामलों को सुलटाने के लिए खाताधारियों से समझौता भी कर लेते हैं।
अगर वेबसाइट हैक हुई है, तो अपनी वेब होस्टिंग कंपनी से बात कीजिए। हो सकता है कि उसके रेकॉर्ड में साइबर अपराधियों के आईपी अड्रेस या दूसरे ब्योरे मौज़ूद हों। अपराध ईमेल और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट से संबंधित है, तो उन्हें अलग से मेल भेजकर या रिपोर्टिंग पेज के जरिए सूचना दें। फेसबुक पर
facebook.com/help/263149623790594 पेज का इस्तेमाल करें, जहां सारा ब्योरा दिया गया है। संबंधित अपराधियों को ब्लॉक करने और उनके खिलाफ सबूत जुटाने के मामले में आपकी दी जानकारी उन वेबसाइटों के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है।

चौथा कदम : पुलिस के पास जाएं
साइबर अपराधों की जांच और आगे कार्रवाई करने वाली एजेंसियों से संपर्क करें। आपको कम से कम दो जगहों पर शिकायत करने की जरूरत है - पहला, अपने राज्य की पुलिस की साइबर क्राइम सेल और दूसरा भारत सरकार की वह हाई लेवल एजेंसी, जो साइबर चुनौतियों के मामले देखती है। उसका नाम है - सेंट्रल इमर्जेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In)। तीसरा, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) का साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल, जिसके काम-काज का दायरा पूरा भारत है।

साइबर अपराधों पर केंद्र सरकार के अधीन उच्च स्तरीय टीम का वेब पता है - 
cert-in.org.in/SecurityIncident.jsp

सीबीआई साइबर क्राइम सेल का पता है
सूपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस,
साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल, सीबीआई,
5वां तल, ब्लॉक नंबर3, सीजीओ कॉम्प्लेक्स,
लोधी रोड, नई दिल्ली - 110003

क्रेडिट कार्ड से संबंधित मामलों में यदि आप बैंक के रुख से संतुष्ट नहीं हैं, तो जूरिसडिक्शन के अनुसार बैंकिंग ऑम्बड्समन से संपर्क करें। इसका ब्योरा रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर मिलेगा:
rbi.org.in/commonman/English/Scripts/AgainstBankABO.aspx

यदि आपको 30 दिन के भीतर न्याय न मिले, या आप ऑम्बड्समन के निर्णय से असंतुष्ट हों, तो अपीलेट अथॉरिटी (रिजर्व बैंक गवर्नर) से संपर्क करें - 
rbi.org.in/scripts/AboutusDisplay.aspx?pg=Departments.htm

अंत में, कोई भी जरिया काम न आए, तो अब तक के तमाम पत्र-व्यवहार और सबूतों के साथ अदालत की शरण लें।

भारत में साइबर क्राइम की जांच करने वाले पुलिस प्रकोष्ठ

दिल्ली में:
असिटेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस,
इकनॉमिक ऑफेंस विंग, क्राइम ब्रांच,
सेकंड फ्लोर,
पुलिस ट्रेनिंग स्कूल,
मालवीय नगर, नई दिल्ली - 110 017
ईमेल : cbiccic@bol.net.in, dcp-eow-dl@nic.in

महाराष्ट्र (मुंबई) में:
साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन सेल,
पुलिस कमिश्नर ऑफिस, एनेक्सी -3 बिल्डिंग, प्रथम तल,
क्रॉफर्ड मार्केट के पास, मुंबई 01
+91-22-22630829, +91-22-22641261
वेबसाइट : 
http://cybercellmumbai.gov.in/
ईमेल : officer@cybercellmumbai.com

हरियाणा में:
साइबर क्राइम और टेक्निकल इन्वेस्टिगेटिंग सेल,
जॉइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस,
पुराना एसपी ऑफिस कॉम्प्लेक्स सिविल लाइंस, गुड़गांव,
ईमेल : jtcp.ggn@hry.nic.in

उत्तर प्रदेश:
साइबर कॉम्प्लेंट रिड्रेसल सेल
नोडल ऑफिस साइबर सेल आगरा, आगरा रेंज 7, कुचेरे रोड,
बालूगंज, आगरा - 232001
फोन : +91-9410837559
ईमेल : info@cybercellagra.com


Source: नवभारत टाइम्स