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Thursday, May 19, 2011

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के शिकार हो रहे युवा

युवाओं में कंप्यूटर के प्रति बढ़ता लगाव उन्हें गंभीर बीमारियों का शिकार बना रहा है। कंप्यूटर पर घंटों काम करने से शहर के युवाओं में ‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम’ की शिकायत तेजी से बढ़ रही है।

आमतौर पर लोगों को इस बीमारी के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। घंटों कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करने वालों में आंख संबंधी परेशानियां बढ़ रही हैं। आई स्पेशलिस्ट डॉ. मनोज राय मेहता के अनुसार अस्पतालों में इस बीमारी के ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। आंखों के 50 में से पांच मरीज इस बीमारी के पाए जाते हैं।

कंप्यूटर विजन सिंड्रोम

रोज दो या इससे अधिक घंटों तक कंप्यूटर का इस्तेमाल करने पर होने वाली आंखों की तकलीफ को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम कहते हैं। कंप्यूटर पर ज्यादा समय तक बैठने से आंखों में सूजन, लाल होना, धुंधलापन और जलन प्रमुख समस्या है। विशेषज्ञों का मानना है इस प्रकार की समस्या से दूर रहने के लिए थोड़ी-थोड़ी देर में काम के दौरान ब्रेक देकर आंख को आराम देना चाहिए।

कारण

आंख में दृष्टिदोष रहने पर भी चश्मा नहीं लगाना।
बहुत नजदीक से कंप्यूटर स्क्रीन को देखना।
एक ही अवस्था में कंप्यूटर पर लंबे समय तक बैठना।
कंप्यूटर के अक्षरों के पिक्सल केंद्र में अधिक तेज व किनारों पर कम तेज होता है। इसके कारण उन पर फोकस करना बहुत मुश्किल होता है। फोकस करने से आंख में दबाव पड़ता है। इससे आंखों में दर्द, जलन एवं थकान महसूस होती है।
कंप्यूटर स्क्रीन को बिना पलक झपकाए लंबे समय तक देखने से आंख में सूखापन होता है।
लंबे समय तक सूखापन रहने से आंख लाल, आंख में चुभन जैसी तकलीफ शुरू हो जाती है।

लक्षण

आंख का सूखापन व धुंधला दिखना।
आंख लाल रहना और उनमें जलन होना।
तेज रोशनी में तकलीफ होना।
सिर दर्द, गर्दन एवं पीठ में दर्द।
आंखों में दर्द व भारीपन महसूस होना।
बार-बार आंख से पानी निकलना।
आंख में पदार्थ का जमा हो जाना।

कैसे करें बचाव

कंप्यूटर स्क्रीन से आंख की कम से कम 25 इंच दूरी रखें।
कंप्यूटर स्क्रीन का बीच वाला हिस्सा आंख के समानांतर से लगभग दो इंच नीचे रखें।
मॉनीटर के निचले हिस्से के बजाए उसके ऊपरी हिस्से को आंखों से थोड़ा दूर रखें।
जब भी इंटर बटन या माउस क्लिक करें, पलकें एक बार जरूर झपकाएं।
कंप्यूटर स्क्रीन पर प्रत्यक्ष रोशनी से बचें।
बाहर की रोशनी से बचने के लिए ब्लाइंड्स, शेड्स और पर्दे का प्रयोग करें।

Tuesday, May 17, 2011

लो आ गया हार्ट अटैक से बचने का नया तरीका

लंदन। फल या इसका जूस दोनों शरीर के लिए लाभदायक हैं। लेकिन अगर कुछ जूस आपस में मिक्स कर एक कॉकटेल तैयार कर लिया जाए तो यह दिल के दौरे के खतरे को काफी कम कर देता है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने 7 प्रकार के फलों सेब, अंगूर, ब्ल्यूबेरीज, स्टॉबेरीज आदि से एक कॉकेटल बनाया है जो आघात के खतरों को कम करता है। उन्होंने इसे सुपरस्मूथी नाम दिया है।

13 फलों से बने आइडल कॉकटेल का तो कहना ही क्या। यह तो दिल के रोगों के लिए रामबाण है। फ्रेंच वैज्ञानिकों का कहना है कि फलों में भरपूर मात्रा में विटामिन सी और कई तरह के यौगिक पाए जाते हैं। ये यौगिक धमनियों में खून को जमने नहीं देते। दिल के दौरे इन धमनियों में खून जमने के कारण भी पड़ते हैं। स्ट्रॉसबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि फलों के जूस से खून का बहाव भी तेज होता है जिससे दिल को भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहती है।


source:http://bollywood.bhaskar.com/

Thursday, May 12, 2011

80 सी के तहत इन निवेशों पर मिलती है टैक्स छूट

बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए सरकार आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कुछ वित्तीय उत्पादों पर कर

छूट देती है। इसके तहत आपको एक लाख रुपए तक के निवेश पर कर बचाने में मदद मिलती है। अगर आप 30 फीसदी के सबसे ऊपरी टैक्स दायरे में आते हैं, तो आप 30,000 रुपए तक टैक्स बचा सकते हैं। हम आपको 80 सी के इन्हीं विकल्पों के बारे में बता रहे हैं।

पीएफ और वीपीएफ: आपके वेतन से प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) के पैसे काटे जाते हैं। आपकी कंपनी भी इसमें बराबर का योगदान करती है। जहां कंपनी के योगदान को कर दायरे से बाहर रखा गया है, वहीं आपके योगदान को 80 सी के तहत निवेश माना जाता है। आप इसके अलावा भी स्वैच्छिक पीएफ (वीपीएफ) निवेश कर सकते हैं। साल 2010-11 के लिए ईपीएफओ ने 9.5 फीसदी की दर से रिटर्न घोषित किया है। इसके साथ ही इस पर मिलने वाला ब्याज भी कर मुक्त होता है।

पीपीएफ: आप किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड का एकाउंट खोल सकते हैं। इस पर आपको 8 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है, जो कर मुक्त होता है। इस निवेश की मैच्योरिटी की अवधि 15 साल है। इसमें कम से कम 500 रुपए का निवेश करना जरूरी है और अधिकतम 70,000 रुपए तक निवेश किया जा सकता है।

एनएससी: नेशनल सेविंग सटिर्फिकेट (एनएससी) में छह साल की अवधि के लिए निवेश किया जा सकता है। इस पर 8 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है, जिसकी गणना छमाही आधार पर की जाती है। हर साल जुड़ने वाले ब्याज पर कर चुकाने की जरूरत होती है, लेकिन ब्याज को भी दोबारा निवेश माना जाता है और इस तरह इस पर भी टैक्स से छूट मिल जाती है।

ईएलएसएस: इक्विट लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड हैं। ईएलएसएस की रकम शेयरों में निवेश की जाती है, लिहाजा इस पर रिटर्न की गारंटी नहीं होती है। निवेश के लिए तीन साल की लॉक-इन अवधि है।

जीवन बीमा प्रीमियम: आप अपने, अपनी पत्नी या बच्चों के जीवन बीमा के लिए जो प्रीमियम भरते हैं, उस पर भी टैक्स छूट मिलती है। अगर आप एक से ज्यादा बीमा पॉलिसी के लिए प्रीमियम चुका रहे हैं, तब भी सबके प्रीमियम टैक्स छूट के लिए जोड़े जा सकते हैं। इसके अलावा जीवन बीमा के साथ इनवेस्टमेंट के फायदे देने वाले यूलिप पर भी टैक्स छूट मिलती है।

होम लोन: आपके होम लोन ईएमआई में दो चीजें शामिल होती हैं- मूल रकम और ब्याज। लोन की मूल रकम पर सेक्शन 80 सी के तहत कर छूट मिलती है।

स्टांप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन चार्ज: घर खरीदते और इसकी रजिस्ट्री कराते समय आप जो रकम चुकाते हैं, उस पर भी टैक्स छूट मांगी जा सकती है। हालांकि, यह सिर्फ घर खरीदने वाले साल में हासिल की जा सकती है।

फिक्स्ड डिपॉजिट : अनुसूचित बैंकों में पांच साल की अवधि वाले फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) पर भी टैक्स छूट मिलती है।

अन्य: बच्चों की पढ़ाई पर किए जाने खर्च के लिए भी सेक्शन 80 सी के तहत कर छूट मांगी जा सकती है। हालांकि, आपको इसके दावे के लिए रसीद की जरूरत होती है।

Source: http://hindi.economictimes.indiatimes.com

जिंदगी की हर परेशानी का हल हैं ये उपा


जिंदगी का दूसरा नाम परेशानी है। दुनिया में ऐसा कोई इंसान नहीं जो पूरी तरह से सुखी हो। सभी के जीवन में कुछ न कुछ परेशानी अवश्य होती है। इन परेशानियों को कुछ साधारण उपाय कर काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है। समस्याओं का निदान करने वाले कुछ साधारण उपाय इस प्रकार हैं-

उपाय

1- घर के मुख्य द्वार पर सफेद आंकड़े का पौधा लगाने से उस घर के सदस्यों पर कोई तांत्रिक अथवा ऊपरी बाधा असर नहीं करती। साथ ही उस घर में धन का अभाव नहीं रहता।

2- घर के ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व में तुलसी, केला एवं निर्गुण्डी के पौधे रोपने से उस घर के अधिकांश वास्तुदोष स्वत: ही समाप्त हो जाते हैं।

3- सुबह, दोपहर व शाम के समय गणेशजी के बाहर नामों का स्मरण करने से साधक के बिगड़ते कार्य बनने लगते हैं।

4- किसी भी प्रकार के दोषों के परिणामस्वरूप उत्पन्न ऋणात्मक ऊर्जा को खत्म करने के लिए घर के मंदिर में रोज लोबान, कपूर, गुग्गल, देशी घी एवं चंदन का चूरा मिलाकर गाय के कण्डे पर धूनी देना अत्यंत फायदेमंद होता है।

5- अपामार्ग (आकड़ा) की जड़ को पानी में घिसकर तथा उसमें थोड़ा सा गोरोचन मिलाकर तिलक करने से किसी भी व्यक्ति मेंं विशिष्ट शक्ति आ जाती है, जिससे वह किसी को भी अपनी ओर आकर्षित कर सकता है।

Tuesday, May 3, 2011

सेकेंड हैंड कार खरीद रहे हैं तो इस नंबर पर SMS जरूर कीजिए!

अगर आप भी सेकेंड हैंड कार खरीदने जा रहे हैं तो यह खबर सीधे आपसे जुड़ी हुई है। दरअसल अब आप सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले आसानी से इस बात की तसल्ली कर सकते हैं कि कहीं जिस कार को आप खरीदने जा रहे हैं, वो चोरी की तो नहीं है। और इसके लिए आपको सिर्फ एक एसएमएस भेजना होगा। दिल्ली पुलिस ने इस सिलसिले में एक एसएमएस सर्विस शुरू की है।

बताया गया है कि सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने से पहले आप संबंधित ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी से कन्फर्म कर सकते हैं कि इंजिन और चेसिस नंबर के अलावा गाड़ी का मेक उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के मुताबिक है या नहीं। इसके लिए सिटिजन फर्स्ट मुहिम के तहत जो सर्विस शुरू की गई है, उसमें फोन नंबर 9811599901 पर मेसेज भेजना होगा। मेसेज बॉक्स में लिखें SV स्पेस रजिस्ट्रेशन नंबर या इंजिन नंबर या चेसिस नंबर। यह सेवा चौबीस घंटे उपलब्ध रहेगी।

दरअसल अक्सर देखने में आता है कि चोरी की गाड़ियां फर्जी कागजातों के जरिए लोगों को बेच दी जाती हैं। और फिर इन्हे खरीदने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब इस एसएमएस सर्विस के जरिए इन दिक्कतों से बचा जा सकता है।

Monday, May 2, 2011

माताओं को मिली चेतावनी, पिलाओ बच्चों को दूध नहीं तो...

लंदन. अगर 6 माह तक भी बच्चे ने मां का दूध पिया हो तो वो उसके व्यवहार में दिख जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि मां का दूध बच्चे को कई तरह की एलर्जी और बीमारियों से तो बचाता ही है, यह उसके व्यवहारिक कला कौशल के विकसित होने में भी अहम भूमिका निभाता है।



अध्ययन में सामने आया कि 4 माह तक भी बच्चे को मां का दूध पीने को मिल जाए तो इससे बुरा व्यवहार करने का खतरा काफी कम हो जाता है। स्टडी के दौरान पाया गया कि जिन बच्चों ने फॉमरूला मिल्क (डिब्बाबंद दूध) पिया उन्हें तनाव, झूठ बोलने व चोरी करने जैसी आदतों में लिप्त पाया गया।



विशेषज्ञों ने माताओं को सलाह दी है कि वो कम से कम 6 माह तक बच्चों को अपना दूध जरूर पिलाएं। इससे मां भी स्वस्थ रहती हैं। ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों में अस्थमा, पेट दर्द, खुजली और सीने में संक्रमण जैसी समस्याएं भी नहीं होतीं।

Sunday, May 1, 2011

अगर बच्चा रात में डरता है तो यह करें

हम देखते हैं कि छोटे बच्चे अक्सर रात में सोते समय डर कर उठ जाते हैं। इसका कारण बुरे सपने भी हो सकते हैं। ऐसा यदि रोज होता है तो इसका असर बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। इसलिए इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए और यह टोटका करना चाहिए।

टोटका

जिस बच्चे को इस प्रकार की समस्या हो उसके सिरहाने किसी रविवार या मंगलवार के दिन फिटकरी का एक टुकड़ा रख दें। इससे बच्चे को बुरे सपने नहीं आएंगे और वह आराम की नींद सो सकेगा। इसके अलावा उसे हनुमान का सिंदूर भी लगाएंगे तो शीघ्र लाभ होगा।