अध्ययन में सामने आया कि 4 माह तक भी बच्चे को मां का दूध पीने को मिल जाए तो इससे बुरा व्यवहार करने का खतरा काफी कम हो जाता है। स्टडी के दौरान पाया गया कि जिन बच्चों ने फॉमरूला मिल्क (डिब्बाबंद दूध) पिया उन्हें तनाव, झूठ बोलने व चोरी करने जैसी आदतों में लिप्त पाया गया।
विशेषज्ञों ने माताओं को सलाह दी है कि वो कम से कम 6 माह तक बच्चों को अपना दूध जरूर पिलाएं। इससे मां भी स्वस्थ रहती हैं। ब्रेस्टफीडिंग से बच्चों में अस्थमा, पेट दर्द, खुजली और सीने में संक्रमण जैसी समस्याएं भी नहीं होतीं।
Source: http://bollywood.bhaskar.com
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