फायदा किस तरह से
आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत हाउसिंग लोन के ब्याज के पुनर्भुगतान पर 1,50,000 रुपये तक की कटौती है मान्य
धारा 80सी के तहत होम लोन के मूलधन भुगतान पर एक लाख रुपये तक की कर छूट मिलती है
धारा 80 सीसीएफ के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड में निवेश कर 20,000 रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट का लाभ उठा सकते हैं आप
आयकर में बचत के लिए पिछले दिनों हमने प्रमुख रूप से धारा 80सी की चर्चा की। टैक्स सेविंग वाले बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), जिनकी लॉक-इन अवधि पांच वर्षों की होती है, धारा 80सी के दायरे में ही आती है। मौजूदा समय में आप 9.25 फीसदी तक ब्याज इस तरह की एफडी पर पा सकते हैं।
आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत हाउसिंग लोन के ब्याज के पुनर्भुगतान पर 1,50,000 रुपये तक की कटौती है मान्य
धारा 80सी के तहत होम लोन के मूलधन भुगतान पर एक लाख रुपये तक की कर छूट मिलती है
धारा 80 सीसीएफ के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड में निवेश कर 20,000 रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट का लाभ उठा सकते हैं आप
आयकर में बचत के लिए पिछले दिनों हमने प्रमुख रूप से धारा 80सी की चर्चा की। टैक्स सेविंग वाले बैंकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), जिनकी लॉक-इन अवधि पांच वर्षों की होती है, धारा 80सी के दायरे में ही आती है। मौजूदा समय में आप 9.25 फीसदी तक ब्याज इस तरह की एफडी पर पा सकते हैं।
आर्क फाइनेंशियल प्लानर के सीईओ और सर्टिफायड फाइनेंशियल प्लानर हेमंत बेनीवाल कहते हैं कि कर बचत का यह विकल्प उन निवेशकों के लिए अच्छा है जिनका लक्ष्य अल्पावधि का है या जो इक्विटी से जुड़े निवेश विकल्पों का जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। न्यूनतम कर वर्ग में आने वाले निवेशकों के लिए भी यह विकल्प हो सकता है। गौर करने वाली बात यह है कि निवेश की जाने वाली राशि पर आयकर का लाभ मिलता है, लेकिन इन एफडी से प्राप्त होने वाले ब्याज पर कर लगता है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड्स : धारा 80 सीसीएफ के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड में निवेश कर आप 20,000 रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट का लाभ उठा सकते हैं। हाल ही में कई कंपनियों के इन्फ्रास्ट्रक्चर बांड लांच हुए थे। एल एंड टी, आईडीएफसी और श्रेई इन्फ्रा के लांग टर्म इन्फ्रा बांड्स इश्यू अब भी खुले हुए हैं। इन पर रिटर्न भी आकर्षक हैं। धारा 80सी के अलावा कर में कटौती के लाभ के वास्ते धारा 80सीसीएफ का लाभ उठाने के लिए इसमें 20,000 रुपये तक का निवेश किया जा सकता है।
होम लोन के मूलधन और ब्याज का भुगतान : धारा 80सी के तहत होम लोन के मूलधन भुगतान पर एक लाख रुपये तक की कर छूट मिलती है। इसका दावा करने के लिए आपको कर्जदाता से स्टेटमेंट लेना जरूरी होता है। आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत हाउसिंग लोन के ब्याज के पुनर्भुगतान पर 1,50,000 रुपये तक की कटौती मान्य है।
अपनापैसा डॉट कॉम के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर बलवंत जैन कहते हैं, हालांकि इस बारे में एक शर्त यह है कि घर का निर्माण या उस घर पर लोन लेने वाला व्यक्ति कर्ज लेने के तीन वर्षों के भीतर घर का पजेशन ले ले, अन्यथा ब्याज पर दी जाने वाली 1,50,000 रुपये तक की कटौती घटकर महज 30,000 रुपये रह जाएगी। अपने घर की मरम्मत, पुनर्निर्माण या विस्तार के लिए अगर आपने लोन लिया है तो आप धारा 24 (सी) के तहत ब्याज में कटौती के दावेदार होंगे। इसके अंतर्गत कटौती सीमा 1.5 लाख रुपये है।
धारा 24 (सी) और दूसरा घर: जैन कहते हैं कि अगर आप दो घरों के मालिक हैं, जिसमें से एक मकान को आपने किराये पर दे रखा है तो ऐसे में हाउसिंग लोन पर ब्याज में आयकर कटौती की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
आपके द्वारा ब्याज के तौर पर दी जाने वाली पूरी राशि भी कटौती के दायरे में आ सकती है। याद रखें, आपको अपनी कुल आय में उस मकान से मिलने वाले किराये की राशि को भी जोडऩा होगा। उस मकान के लिए मिलने वाले अनुमानित किराये की राशि को अपनी आय में दर्शाना होगा।
source: Dainik Bhaskar.com
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