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Tuesday, January 24, 2012

पीपीएफ, ईपीएफ व एनपीएस कर बचाने में मददगार


खूब फायदा 
ईपीएफ में न केवल जमा की जाने वाली एक लाख रुपये तक की राशि पर आयकर में कटौती का लाभ मिलता है, बल्कि इस पर मिलने वाला ब्याज भी होता है कर मुक्त
पीपीएफ के जरिए आप लंबे लक्ष्यों जैसे बच्चों की शादी और शिक्षा के लिए कर बचत का लाभ उठाते हुए कोष बना सकते हैं, यह परिपक्व होता है 16वें वर्ष में
एनपीएस एक ऐसी बचत योजना है जिसका उद्देश्य लोगों की रिटायरमेंट जरूरतों को पूरा करना है, इसमें जमा कराई जाने वाली एक लाख रुपये तक की राशि पर मिलता है आयकर में कटौती का लाभ

आयकर में बचत के बारे में सोचने वाले अधिकतर लोगों की चाहत यही होती है कि उनके पैसे सुरक्षित रहें, भले ही उन पर रिटर्न थोड़ा कम क्यों न मिले। कर बचत के लिए डेट के ऐसे ही विकल्पों में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ), एंप्लाई प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) और नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) शामिल हैं। लंबी अवधि की बचत वाले इन माध्यमों का इस्तेमाल आम तौर पर रिटायरमेंट के लिए कोष बनाने में किया जाता है। इन योजनाओं में जमा की जाने वाली एक लाख रुपये तक की राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर में कटौती का लाभ उठाया जा सकता है।


कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) : वर्तमान में ईपीएफ पर 9.5 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है। अपनापैसा डॉट कॉम के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर बलवंत जैन कहते हैं कि न केवल इसमें जमा की जाने वाली एक लाख रुपये तक की राशि पर धारा 80सी के तहत आयकर में कटौती का लाभ मिलता है, बल्कि इस पर मिलने वाला ब्याज भी कर मुक्त होता है। साथ ही मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी कर-मुक्त हो रही है। 


विशेष जरूरतों जैसे बीमारी के इलाज, शादी-विवाह आदि के लिए आप ईपीएफ से पैसे की निकासी भी कर सकते हैं। बचत का यह विकल्प सबसे अधिक सुरक्षित है। साथ ही इससे आपको चक्रवृद्धि का भी लाभ मिलता है। अगर पति-पत्नी दोनों ही नौकरी करते हैं तो किसी एक का योगदान ईपीएफ में बढ़ाने का निर्णय उचित होगा क्योंकि यह विकल्प डेट पर सर्वाधिक रिटर्न देता है। इसकी ब्याज दरें समय-समय पर बदलती रहती हैं।


पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) : लंबे लक्ष्यों जैसे बच्चों की शादी और शिक्षा के लिए आप कर बचत का लाभ उठाते हुए पीपीएफ के जरिए कोष बना सकते हैं। यह 16वें वर्ष में परिपक्व होता है। इसमें अब आप अधिकतम सालाना एक लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं। वर्तमान में पीपीएफ पर सालाना 8.6 फीसदी का कर मुक्त ब्याज दिया जा रहा है। इसकी ब्याज दरें दीर्घावधि के सरकारी बांड पर यील्ड के साथ जोड़ दी गई हैं। इसलिए, अब इसकी ब्याज दरें प्रत्येक वर्ष बदलती रह सकती हैं।


पीपीएफ से परिपक्वता पर मिलने वाली राशि भी कर-मुक्त होती है। पीपीएफ खाता भारतीय स्टेट बैंक या उसके सहयोगी बैंकों के अतिरिक्त अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों और हेड पोस्ट ऑफिस, जनरल पोस्ट ऑफिस और ग्रेडेड पोस्ट ऑफिसों में खुलवाया जा सकता है। बैंकों की अपेक्षा डाक घर में पीपीएफ खाता खुलवाना ज्यादा बेहतर रहेगा क्योंकि बैंकों को इस खाते के रख-रखाव के लिए अतिरिक्त पैसे नहीं मिलते हैं।


नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) : एनपीएस दीर्घावधि की एक ऐसी बचत योजना है जिसका उद्देश्य लोगों की रिटायरमेंट जरूरतों को पूरा करना है। शुरुआत में यह केवल केंद्र और राज्य सरकारों के कर्मचारियों के लिए ही उपलब्ध थी, लेकिन 1 मई 2009 से एनपीएस की सुविधा आम लोगों को भी उपलब्ध कराई जाने लगी है। टियर-1 खाते से निकासी परिपक्वता पर ही कराई जा सकती है, जबकि टियर-2 खाते का इस्तेमाल बचत खाते की तरह किया जा सकता है। गौर करने वाली बात है कि टियर-1 खाते पर आयकर छूट का लाभ मिलता है, जबकि टियर-2 खाते से आयकर में कोई लाभ नहीं मिलता है।

source: Dainik Bhaskar.com 

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